किसने कहाँ अपना देश वाकई खराब है,
होती यहाँ मेहमान नवाजी बेहिसाब है,
आतंकवादियों का पसंदीदा गढ़ है ये,
सबसे अच्छा उदाहरण अजमल कसाब है।
यहाँ भूखे नंगो का दिखता जमावड़ा,
हर चौराहें पर देखो झुण्ड है खड़ा,
महंगाई पर नहीं पड़ती सरकारी नज़र,
पर आतंकियों की भूख की है बड़ी फिकर।
किसानो को पड़े भूख से जान गवानी,
और दहशतगर्द उड़ायें मटन, बिरयानी,
चार साल बाद अगर ऐसा हिसाब होगा,
तो हर आतंकवादी का रोल मॉडल कसाब होगा।
आतंकी इसीलिए कितनो को मार डालते हैं,
क्यूँकी प्लेन हाईजैक होने तक उनको पालते हैं,
'आतंकवाद से लड़ेंगे'- सरकार 'सिर्फ' रटती है,
कठोर कार्यवाही करने से हमेशा पीछे हटती है।
शहीदों के परिवारों को इन्साफ ना मिला,
आतंकवाद कब मिटेगा...जवाब ना मिला,
इन सवालों को लेकर जनता में भी आक्रोश है,
और अपनी सरकार, प्रधानमन्त्री दोनों खामोश है।
किसने कहाँ अपना देश वाकई खराब है
होती यहाँ मेहमान नवाजी बेहिसाब है...
Wednesday, November 21, 2012
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