जबसे खबर आई है सरहद पार चली है गोली,
अभय की माँ की तबसे बंद है बोली।
वो बेसन के लड्डू जिस हाँथ से बनाए थे,
वो बेटे के वापस आने के जो ख्वाब सजाये थे,
वो सारे ख्वाब हकीकत में बदल न पाए,
हकीकत सुन घरवाले संभल ना पाए।
वो कल के बने लड्डू अब लगने लगे बासी,
कुछ इस कदर घर में छाई है उदासी।
गुड्डू ने खिलौने वाली बंदूकों से खेलना छोड़ दिया,
कुछ बंदूकों ने ही उसकी खुशियों का रूख मोड़ दिया।
इस वाक्ये ने सबकी आँखों को नम कर दिया,
गुड्डू ने अचानक अपनी फर्माहिशों को कम कर दिया।
कोमल के पल्लू का किनारा सूखने का नाम ही नहीं ले रहा,
गुड्डू का मासूम चेहरा उसे ठीक से रोने भी नहीं दे रहा,
हर तस्वीर उसे एक लम्हे की याद दिलाती है,
'पापा जल्द आएंगे' …कह वो गुड्डू को बहलाती है।
बेटा इस बार पूरे दो महीनो के लिए आने वाला था,
अपनी मौजूदगी से ही घर को मह्कानेवाला था।
अभय के बाबूजी की रौबीली आवाज़ भी शिथिल हो गयी है,
अभय की अनेक तस्वीरें अब धूमिल हो गयी हैं।
अब तो माँ ने सबसे बोलना छोड़ दिया है,
घरवालों ने जीते जी अपना दम तोड़ दिया है...
कई दिन हो गए किसी ने किसी से कुछ ना कहा,
घर में दीवारों और इंसानों में ज्यादा फर्क ना रहा...
अब तो आंसुओं ने भी बहने से मना कर दिया,
इक खबर ने यहाँ की खुशियों को फ़ना कर दिया।
Very nice...some lines are quite touching! Good.
ReplyDeleteकई दिन हो गए किसी ने किसी से कुछ ना कहा,
ReplyDeleteघर में दीवारों और इंसानों में ज्यादा फर्क ना रहा.
kya keh diya Hey Suyash :-) Excellent.......:-)
excellent wrk dear.....tune to pure family ka haal bata diya....each and every line apne aap mai best hai...and sabmai bahut wajan hai....
ReplyDelete...........
gud wrk dear......
SHAHEED HUE JO IS DESH PAR, UNKO YAAD KARTA HUN, JO KHULI-AZAAD SAANS LETA HU,UNKI BADOLATH JEETA HUN....
@ Sis~ Thnx yaar!
ReplyDelete@ Hey Poonam~ You chose my favr8 lines:)
@ Sahil~ Shukriya dost!
very good dear friend.
ReplyDelete@ Hash~ Thanx a lot!
ReplyDeletevery nice....keep up d good work......!
ReplyDelete@ Sayan~ Thnx 4 ur feedback dear!
ReplyDeletegreat poem dude..
ReplyDeletesandese aate hain ki yaad dila di tune..
very nice..
@ James~ Shukriya bandhu:)
ReplyDeletenice poem sir ..
ReplyDeletedepth was gr8
waah sir
ReplyDeletelooks as it has been directly told by a person living or observing the home of a soldier.
Loved the rhyme scheme and flow
keep it up
Kya baat hai bhai bas Chha Gaye....
ReplyDeleteAwesome...truely
@ Gaurav~ Thnx 4 getting 2 d depth!
ReplyDelete@ Shiva~ Thanx a lot 4 appreciating IT!
ReplyDelete@ Rakesh~ Shukriya dost:)
a great poem
ReplyDeletesad one but lovely
keep writing
Heart touching......
ReplyDeletegr8 goin..
@ Vinayak, Vijay~ Thnx a lot!
ReplyDeletetruly amazing...!
ReplyDeleteDude, you are breaking records with every new post ! amazing !
ReplyDelete@ Sayan~ Thnx dear!
ReplyDelete@ Shazia~ Dts a big comment. M happy m coming up2 ur expectations!
very nyc Syu, its actually very heart-touching,, d way u hv portrayd wat a family goes thru is quite touching...
ReplyDeletegr8 wrk Syu, like olways :)
Superb!! i m coming bk to your blog for more!!Pls keep up the flow!!!
ReplyDelete@ Ritz~ Shukria...shukria:)
ReplyDelete@ Viyoma~ I will try my best dear! Thnx for visiting!
amazing.........outstanding...........
ReplyDelete@ Shuchi~ Thnx dear:)
ReplyDeleteUpdate your blog...not updated from along time..
ReplyDeleteReally touching....
ReplyDeletesach me...
@ Lalu~ Shukria dost:)
ReplyDeleteso so so touching
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